Wednesday 24 March 2010

अंधविश्वास ने ली बालक अमन की जान


6 वर्षीय बालक की हत्या कर बोरे में शव फेंका, नरबलि की सम्भावना
अंधविश्वास ने एक बालक की जान ले ली। कोडरमा जिले के डोमचांच ओपी अंतर्गत पूर्णाडीह से अगवा अमन की हत्या कर दी गयी। रामनवमी के दिन 24 मार्च को पूर्णाडीह गांव से ही 6 वर्षीय अमन का शव बोरे में बन्द करके फेंका हुआ बरामद किया गया। उक्त बालक का सिर मुंडा हुआ था और उसकी हत्या गला रेतकर की गयी थी, ऐसे में घटना के पीछे नरबलि की आषंका सही हो सकती है। पूर्णाडीह निवासी और पत्थर व्यवसायी ईष्वरी साव उर्फ मुंषी का पुत्र अमन 20 मार्च से अचानक अपने घर से ही लापता हो गया था। उसकी काफी खोजबीन की गयी पर कुछ पता नहीं चला और इस बाबत मरकच्चो थाना में एक सनहा भी दर्ज कराया गया था। घटना के एक दिन बाद परिजनों को एक चिट्ठी भी मिली थी जिसमें 90 हजार रूपये की मांग की गयी थी वहीं बच्चे के सही सलामत होने की बात कही गयी थी। यह तो स्पष्ट हो गया था कि बच्चे का अपहरण किया गया है पर पुलिस इस मामले में कोई सुराग पाने में पूरी तरह विफल रही थी। 24 मार्च को दिन में मुषी साव के घर से लगभग 100 मीटर दूर बोरे में बन्द कर बालक के शव को फेंक दिया गया। इससे जहां पूरे परिवार में कोहराम मच गया वहीं शव को देखने से प्रतीत हुआ कि उसकी हत्या के पीछे नरबलि कारण हो सकता है। खोजी कुत्ता को भी मंगाया गया और वह शव बरामदगी स्थल से जाकर मुंषी साव के पडोस के एक घर के पास रूक गया जो ओझा गुणी और भक्तिन का काम करने वाले का घर है। यह भी बताया जाता है कि जिस महिला पर या परिवार पर नरबलि के मकसद से हत्या की आषंका जतायी जा रही है उस महिला ने शव बरामदगी के कुछ समय पहले मुंषी साव की मां से मिलकर रोते हुए बालक के जल्दी ही मिल जाने की बात कही थी। पुलिस ने शक के आधार पर सीताराम पंडित, उसकी मां और अन्य परिजनों को हिरासत में ले लिया। हांलाकि इस मामले में थाना में हत्या का मामला दर्ज किया गया है पर यह बात भी सामने आयी है कि इस मामले में पुलिस की भूमिका सही नहीं रही। यदि बच्चे के लापता होने के बाद पुलिस सक्रिय रहती और मामले को गम्भीरता से लेती तो परिणाम कुछ और हो सकता था, यहां तक की लापता होने और अपहरण की आषंका के बाद भी पडोस के घरों में भी पुलिस ने छानबीन नहीं की थी।

3 comments:

  1. ब्लाग जगत में आपका स्वागत है....अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता लाने के लिए अभ्याँ को जारी रखिये..यह समय की भी मांग है.....!

    कृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा दीजिये...टिप्पणी करने की प्रक्रिया को यह बहुत पेचीदा सा बना देती है....!

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  2. उफ़ ! ये भी होता है
    सख्त सजा मिलनी चाहिए दोषियों को

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  3. आपका स्वागत है !

    रेक्टर कथूरिया की टिप्पणी मेरी भी मान लें .

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