Monday 30 August 2010

तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे/ खेम सिंह का झुमरीतिलैया में हुआ अंतिम संस्कार


कोडरमा जिले में भाजपा को शिखर तक पहुंचाने वाले सक्रिय नेता और पत्रकार सरदार खेम सिंह के शव का आज झुमरीतिलैया में अंतिम संस्कार किया गया। उनके पानी टंकी रोड स्थित आवास से दिन के 10 बजे शव यात्रा निकाली गयी और पार्टी के जिला कार्यालय में उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद शव यात्रा पूरे शहर का भ्रमण कर मुक्तिधाम पहुंची जहां उनके पुत्र अमित कुमार ने मुखाग्नि दी। इस अंतिम यात्रा में पार्टी के बरही विधायक उमाषंकर यादव अकेला, बरकट्ठा विधायक अमित यादव, विभिन्न दलों से जुडे लक्ष्मण स्वर्णकार, रवि मोदी, रामचन्द्र सिंह, रामनाथ सिंह, नीतेष चन्द्रवंषी, रमेष हर्षधर, बिरेन्द्र मोदी, विनोद मोदी, सुधीर सिंह, सरयू सिंह, राजवल्लभ शर्मा, विजय साव, शषिभूषण, सुखदेव यादव, बिरेन्द्र सिंह, सुनील यादव, खालिद खलील, परमेष्वर यादव, सुषील अग्रवाल समेत अन्य लोग और कई पत्रकार उपस्थित थे। प्रदेष भाजपा की ओर से पहुंचे प्रदेष मंत्री गणेष मिश्रा ने कहा कि खेम सिंह जनसंघ काल से ही जुडे रहे और वे भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ता थे। विधायक अन्नपूर्णा देवी ने भी आज स्व. खेम सिंह के आवास पर पहुंचकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। यों भी सरदार खेम सिंह को भूल पाना पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए आसान नहीं होगा। पूरे राजनीतिक जीवन इनका संघर्षो में व्यतीत हुआ। जनहित के हर मुद्दे पर सक्रिय ढंग से आवाज उठाते थे। पार्टी के सच्चे सिपाही की तरह छोटे से बड़े कार्यक्रमों में हमेशा तत्पर रहने के कारण ही आम जनता में इनकी अलग पहचान थी। मृदुभाषी स्व. सिंह 1977 में जनसंघ से जुड़कर राजनीति की शुरूआत की थी। वर्ष 1980 में हजारीबाग जिला के भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष बने। 1985 में श्री सिंह को पार्टी ने भाजपा का जिला उपाध्यक्ष बनाया। वहीं कोडरमा जिला बनने के बाद 1995 में भाजपा का पहला अध्यक्ष खेम सिंह को बनाया गया। इसके पहले वे भाजपा को कोडरमा में गांव-गांव तक पहुंचाने में काफी अहम भूमिका निभाई। चंद कार्यकर्ताओं के साथ ही ग्रामीण इलाकों में पैदल मार्च कर पार्टी को अलग पहचान दिलायी। राज्य गठन के बाद वर्ष 2001 अक्टूबर में इन्हें राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष बनाया गया। स्व. सिंह रियाडा के चेयरमैन तथा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य के रूप में लंबे समय तक रहे। वर्तमान में उन्हें चतरा जिले के चुनाव प्रभारी बनाया गया था। श्री सिंह जनता के हित के लिए हमेशा मुखर रहे थे।
अलग राज्य के आंदोलन में जेल गए थे खेम जी
स्व. खेम सिंह पार्टी व जनता के लिए हमेशा आंदोलन करते रहे थे। अलग राज्य की मांगों को लेकर भाजपा द्वारा चलाया गया वनांचल आंदोलन में खेम सिंह सक्रिय भूमिका निभाई थी, जिससे 1997 में 21 दिनों तक उन्हें जेल में रहना पड़ा था। वहीं 1992 में बाबरी मस्जिद ध्वस्त मामले में भी खेम जी को 23 दिनों तक कोडरमा जेल में रहना पड़ा। इतना ही नहीं, पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों में दर्जनों बार इन्हें रेल व जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
खेम सिंह के निधन पर जिले में शोक की लहर
भाजपा के वरीय नेता खेम सिंह के निधन पर पूरे जिले में शोक की लहर है। उनका निधन रविवार को रांची के गुरुनानक अस्पताल में हो गया था। वे पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। भाजपा सहित सभी राजनीतिक दलों के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। कोडरमा विधायक अन्नपूर्णा देवी ने उनके निधन को जिला के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि श्री सिंह शोषितों के आवाज थे। खेम सिंह द्वारा जनहित के लिए किये गए कार्यो को कोडरमा की जनता हमेशा याद रखेगी। वहीं झाविमो नेता प्रणव वर्मा, अनवारूल हक, खालिद खलील, जिलाध्यक्ष बेदु साव ने भी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि स्व. सिंह गरीबों के हक के लिए हमेशा संघर्षरत रहे थे। जनहित के मुद्दों पर वे दलगत भावना से ऊपर उठकर काम करते थे। कांग्रेस के निर्मल ओझा, वरीय नेता नारायण वर्णवाल, बुन्देल प्रसाद यादव, माले नेता रामधन यादव, भाकपा नेता महादेव राम, सपा जिलाध्यक्ष श्यामदेव यादव, आजसू नेता अजीत वर्णवाल, झामुमो जिलाध्यक्ष महेश राय ने भी खेम सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि स्व. सिंह जन-जन के नेता थे। वे भाजपा में रहते हुए भी सभी दलों के कार्यकर्ताओं के दुख-तकलीफ में साथ रहते थे। नेताओं ने कहा है कि कोडरमा जिला के हित के लिए वे हमेशा प्रयासरत रहे थे। यहां की जनता हमेशा उन्हें याद रखेगी।

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