Saturday 25 December 2010

पावर हब और एजुकेशन हब के रूप में मिलेगी कोडरमा को पहचान


संजीव समीर
कोडरमा, 25 दिसम्बर
कोडरमा के लिए नया वर्ष कई नई सौगातें लेकर आ रहा है। जहां कोडरमा में बांझेडीह पावर प्लांट शुरू होने से यहां रोजगार के अवसर बढेंगे, वहीं कई अन्य योजनाएं भी इस प्लांट के साथ कार्यान्वित होंगी। केटीपीपी के परियोजना निदेशक जी. एन. सिंह ने बताया कि प्लांट शुरू होने के बाद इस क्षेत्र को हरित क्षेत्र परियोजना से जोड़ा जाएगा, जिसके तहत संयत्र की परिधि के सौ मीटर चैड़ा हरित क्षेत्र विकसित किया जाएगा। इसमें वृक्षारोपण व वनीकरण किया जाएगा। इससे प्रदूषण से लोगों को राहत मिलेगी। वहीं इस योजना में आइटीआई कालेज, अस्पताल, स्कूल, मार्केट कांप्लेक्स, हाईटेक कालोनी, बैंक की बिल्डिंग बनाई जाएगी। इन विकास योजनाओं से कोडरमा आने वाले समय में पावर हब के रूप में विकसित होगा तो होगा ही, साथ ही एजुकेशनल हब के रूप में भी जाना जाएगा। फिलहाल, बेहतर चिकित्सा व्यवस्था के लिए कोडरमावासियों को पटना या रांची जाना पड़ता है। यहां पर जिस अस्पताल की परिकल्पना की गई है। वह सभी सुविधाओं से सुसज्जित होगा और यहां के लोगों का बेहतर इलाज यहीं पर मुमकिन हो सकेगा। जहां तक रोजगार की बात है, तो पावर प्लांट में 800 लोगों को रोजगार देने की योजना है। इनके अलावा, ऐसे कई सब-ऑर्डिनेट बनेंगे, जो रोजगार के नए-नए अवसर सृजित करेंगे। विशेषज्ञ के अनुसार अबरख का व्यवसाय बंद हो जाने के बाद कोडरमा में आय का स्रोत बढ़ाने में केटीपीपी का महत्वपूर्ण योगदान होगा। स्कूल और आइटीआई संस्थान की स्थापना से यहां के छात्रों में काफी उत्साह है। उनका मानना है कि बेहतर और तकनीकी शिक्षा के लिए यह संस्थान काफी उपयोगी होगा। फिलहाल, कोडरमा में खनन संस्थान चल रहा है। जहां से तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर लोग देश स्तर पर अपना नाम रोशन कर रहे हैं। सुविधाओं का घोर अभाव झेल रहे कोडरमा में केटीपीपी निर्माण के बाद नए वर्ष में नया सवेरा देखने को कोडरमावासी आतुर हैं।
केटीपीपी बनेगा झारखंड का सबसे बड़ा विद्युत उत्पादन केंद्र
केटीपीपी परियोजना झारखंड की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादन परियोजना है, जिसका निर्माण कार्य अब अपने अंतिम चरण में हैं। 30 दिसंबर को इतिहास के पन्नों पर अपना नाम दर्ज करवाते हुए इस परियोजना के पहले यूनिट (500 मेगावाट) के ब्लॉयलर की सफलतापूर्वक टेस्टिंग की गई। इसकी चिमनी से निकलते काले धुंएं ने कोडरमा में अंधकार के बाद प्रकाश की शुरूआत कर दी है। झारखंड में फिलवक्त दामोदर घाटी परियोजना (डीवीसी) की पांच परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें तीन पनबिजली विद्युत उत्पादन परियोजना हैं। इनमें मैथन, पंचेत व तिलैया डैम शामिल हैं। मैथन में 60 मेगावाट विद्युत का उत्पादन होता है, जबकि पंचेत से 80 मेगावाट व तिलैया डैम से चार मेगावाट विद्युत का उत्पादन होता है। डीवीसी की अन्य परियोजनाओं में बोकारो थमर्ल पावर से 630 मेगावाट विद्युत उत्पादन होता है, जबकि चंद्रपुरा थर्मल पावर में 390 मेगावाट पुराने यूनिट से और 500 मेगावाट विद्युत नए यूनिट से उत्पादित किया जाता है। वहीं कोडरमा सुपर थर्मल पावर प्लांट की बात करें, तो यहां पर 500-500 मेगावाट की दो यूनिटें निर्माणाधीन हैं, जो इसी वर्ष शुरू हो जायेंगी। शुरूआती दौर में यहां की बिजली दिल्ली में समाप्त हो गए कॉमनवेल्थ में पहुंचाने की योजना थी, लेकिन भू अर्जन और विस्थापितों की समस्या को लेकर 1 मार्च 2008 को शुरू हुए इस परियोजना का निर्माण कार्य कई बार बाधित हुआ। आंदोलनकारी विस्थापितों ने समय-समय पर कई-कई दिन यहां का कार्य बंद कर दिया। बावजूद इसके धीरे-धीरे यह निर्माण कार्य अब अपने अंतिम चरण में है और झारखंड का सबसे बड़े विद्युत उत्पादन केंद्र के रूप में अपना नाम दर्ज कराने की दिशा में बढ़ रहा है।
पानी व बिजली की बहुलता होगी कोडरमा में
केटीपीपी के अपने लक्ष्य से समीप पहुंचने पर कोडरमावासियों की खुशी का तो ठिकाना ही नहीं है। अब इस जिले में चतुर्दिक विकास का मार्ग डीवीसी ने प्रशस्त कर दिया है। सर्वप्रथम डीवीसी यहां के प्रतिभाशाली बच्चों के लिए हाई टेक शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उसका कारण है कि डीवीसी की सोच है कि वह कोडरमा के होनहार युवकों को अधिक से अधिक रोजगार दे। एक स्किल्ड पैनल तैयार करना चाहता है डीवीसी। इसका लाभ यहां के छात्रों को आने वाले दिनों में मिलेगा। साथ ही, डीवीसी ने यहां पर सामाजिक गतिविधियों को भी तीव्र कर दिया है। हर घर में पानी व बिजली हो, इसकी पूरी प्लानिंग डीवीसी ने कर रखी है। आने वाले दिनों में यहां के लोगों को पानी व बिजली के लिए किसी के पास हाथ नहीं पसारना पड़ेगा। यहां के लोगों की आशाएं अब काफी जग चुकी हैं। डीवीसी को अब यहां के लोगों का पूरा जनसमर्थन मिलने लगा है। आने वाले दिनों में डीवीसी यहां पर विकास की गंगा बहाएगा, इसमें कोई शक नहीं है।

No comments:

Post a Comment