Thursday 30 December 2010

वर्ष २०१० : कोडरमा जिले के कई मामले चर्चित हुए

कोडरमा जिले के कई मामले वर्ष 2010 में राज्य और देष स्तर पर भी चर्चित हुए। इनमें सर्वाधिक चर्चित मामला निरूपमा की संदेहास्पद मौत और 8 वर्षीय अमन की नरबलि रहा। इसके अतिरिक्त सैनिक स्कूल तिलैया का अष्लील एमएमएस कांड, कोडरमा में सडक दुर्घटना में आठ लोगों की मौत, मेघातरी में राजो लाल और झुमरीतिलैया में दवा विक्रेता चन्द्रषेखर पांडेय की हत्या, मेघातरी में निर्माणाधीन पुल स्थल से तीन लोगों का अपहरण, झुमरीतिलैया से ससुर दामाद का अपहरण की घटना भी काफी चर्चित रही। जियोरायडीह में दो बिरहोर बच्चों और उनकी मां की जलने से हुई मौत का मामला भी राज्य स्तर पर चर्चित रहा। वहीं ढिबरा पर लगे रोक के खिलाफ भाकपा माले के प्रदर्षन और समाहरणालय परिसर में तोडफोड की घटना तो साल के अंत में 334 क्रषरों में तालाबन्दी की घोषणा भी यहां के लोगों में चर्चा का विषय बना। इस साल ग्रामीण सरकार बनने की राह बनी और पंचायत चुनाव ने लगभग दो महीने तक ग्रामीण गतिविधियों को यहीं तक सीमित रखा तो वहीं जून में नगर निकाय चुनाव हुआ जिसमें झुमरीतिलैया और कोडरमा प्रभावित रहा। जयनगर प्रखंड मुख्यालय 4 अक्टूबर को भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा तालाबन्दी की कार्यवाई भी खासी चर्चित हुई। दिसम्बर माह में 26 तारीख को बरियारडीह में ठंढ से दो बिरहोर बच्चों की मौत का मामला भी राज्य स्तर पर चर्चित रहा। इस साल भाजपा नेता खेम सिंह के असामयिक निधन ने भी शहरवासियों को रूलाया।
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समय बीतता गया और उलझती गयी गुत्थी
निरूपमा के मौत की मिस्ट्री छह महीने बीत जाने के बाद भी नहीं सुलझ पायी है। पहले करंट से हुई मौत और फिर उसे फांसी लगाकर आत्महत्या बताये जाने के विवाद और फिर निरूपमा के प्रेमी प्रियभांषु द्वारा उसके आनर किलिंग के आरोप से चर्चित हुए इस मामले में हर बार कुछ नया खुलासे का दावा तो किया जाता रहा है। हांलाकि वह दावा बाद में वहीं तक सिमटकर रह गया। शुरू से पुलिस की गलतियों की वजह से साक्ष्यों में भी छेडछाड होती रही तो वहीं आपाधापी में निरूपमा की मां को हत्या के शक में कोडरमा जेल भेजे जाने से पुलिस की ही किरकिरी हुई। विवादित पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने जहां मामले को और उलझाया तो वहीं झुमरीतिलैया में सुधा पाठक और परिजनों के पक्ष में जुलूस निकालकर दबाव बनाने का भी काम हुआ। यानि हर जगह विवादों ने इस मामले को थामे रखा। जांच में सुसाइड नोट की राइटिंग निरुपमा की बताई गई तो उस दुपट्टे से भी महत्वपूर्ण साक्ष्य फॉरेंसिक टीम को हाथ लगने का दावा किया गया, जिस पर झूलकर निरुपमा के जान देने की चर्चा थी।
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अपहरण की घटनायें भी हुई
साल 2010 में जिले में अपहरण की भी कई घटनायें हुई। कोडरमा थानांतर्गत मेघातरी करहरिया पुल निर्माण साइट से गत 9 जुलाई को अगवा किये गए तीन कर्मियों कृष्णा तिवारी, संजय तिवारी और दिलीप मिस्त्री को 10 दिन अपराधियों ने मुक्त किया। वहीं माइका व्यवसायी राधेष्याम मोदी और उनके ससुर झुपरू मोदी के भी अपहरण की घटना हुई। इसके अलावा झुमरीतिलैया से एक बच्चे का अगवा किया गया तो 31 जुलाई को इंदरवा बस्ती से विषुनदेव सिंह के पुत्र प्रिंस का अपहरण किया गया।
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अमन हत्याकांड ने लोगों को झकझोरा
21वीं सदी में भी नरबलि की प्रथा चालू है, कोडरमा जिले के पुरनाडीह में ईष्वर साव के 8 वर्षीय पुत्र अमन का अपहरण कर उसकी नरबलि दे दिये जाने की घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। आज भी इस घटना को याद कर लोग सिहर उठते हैं। रामनवमी के दौरान 20 मार्च को गायब हुए अमन की हत्या का राज जब सामने आया तो स्पष्ट हुआ कि गांवों में अंधविष्वास अब भी पूरी तरह कायम है। इस मामले में आठ लोगों को पकडा गया जिनमें बालक के पडोसी भी शामिल हैं। सभी आज भी कोडरमा मंडल कारा में बन्द हैं।

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